यह सब गुरुकृपा का ही चमत्कार है
मेरे बच्चे छोटे थे तब पति गुजर गये । आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि मैं महीनेभर मजदूरी करती, मेरे दोनों बेटे दूसरों की दुकानों में काम करते फिर भी 2-3 हजार रुपये ही मिल पाते थे । हमारी छोटी-सी दुकान थी वह भी बंद हो गयी । मैं बहुत चिंतित व परेशान रहने लगी । एक सुबह मैं ध्यान में बैठी थी तो बापूजी के श्रीचित्र से आवाज आने लगी कि ‘तेरा अच्छा समय आनेवाला है । बस, थोड़े दिन और मेहनत करनी पड़ेगी ।’ यह सुनकर मैं गद्गद हो गयी ।
उसके बाद हमारी आर्थिक स्थिति सुधरने लगी । हमने नया व्यवसाय शुरू किया और महीने के 40-50 हजार रुपये आने लगे । दिसम्बर 2007 में पूज्य बापूजी हमारे क्षेत्र छिंदवाड़ा में पधारे थे । मैंने अपना अनुभव पूज्यश्री को बताया तो गुरुदेव बोले : ‘‘और बढ़ेगा !’’
गुरुदेव के वचन सत्य हुए और 2 महीने बाद हमारी एक दुकान और खुल गयी । आज हमारी 3 दुकानें हैं, जिनमें 20 लोग काम करते हैं और महीने के 2 से 2.5 लाख रुपये आते हैं । एक समय था कि हम किराये के मकान में रहते थे, आज हमारे अपने 2 बड़े मकान हैं ।
सन् 2010 की बात है । मेरी बहू की गर्भस्थ संतान के लिए डॉक्टरों ने कहा कि ‘‘संतान शारीरिक या मानसिक रूप से कमजोर होगी ।’’ और गर्भ गिराने को कहा । पूज्य बापूजी गर्भपात कराने को मना करते हैं अतः हमने गर्भपात नहीं कराया ।
मैंने बापूजी से प्रार्थना की : ‘गुरुदेव ! जैसा भी दो, आपका प्रसाद होगा ।’ गुरुकृपा से एकदम स्वस्थ बालक का जन्म हुआ । उसका नाम रामानुज है और वह अभी छिंदवाड़ा गुरुकुल में तीसरी कक्षा में पढ़ता है । कक्षा में प्रथम आता है और शारीरिक रूप से भी बिल्कुल स्वस्थ है । 2019 में देशभर के 29 संत श्री आशारामजी गुरुकुलों में आयोजित हुई ‘माँ महँगीबा आध्यात्मिक ज्ञान प्रतियोगिता’ में रामानुज ने तीसरी कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया । यह सब गुरुकृपा का ही चमत्कार है ।
- सुमन डोईफोडे
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