धर्मांतरण-प्रभावित डांग क्षेत्र में हुआ 7 मंदिरों का निर्माण

गुजरात के डांग क्षेत्र में पूज्य बापूजी की पावन प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में पिछले 25 वर्षों से अनेक सेवाकार्य बड़े स्तर पर चलाये जा रहे हैं, जिनसे यहाँ के लोगों का जीवन उन्नत हुआ है और उनकी अपने धर्म-संस्कृति के प्रति निष्ठा बढ़ी है, धर्मांतरण पर रोक लगी है । इसी कड़ी में पूज्य बापूजी की पावन प्रेरणा से आश्रम, समिति व साधकों तथा 6 अन्य संस्थाओं के सहयोग से इस क्षेत्र में 7 मंदिरों का निर्माण करा के वहाँ लोगों के लिए धर्म, उपासना व भक्ति के प्रेरणाकेन्द्र स्थापित किये गये ।

जामलापाड़ा गाँव में भव्य मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा के अवसर पर हजारों गरीबों में भंडारा, वस्त्र-वितरण आदि भी हुआ । यहाँ विभिन्न संस्थानों के गणमान्यों ने अपने भाव व्यक्त किये । प्रस्तुत हैं कुछ उद्गार :

श्री पी.पी. स्वामी, स्वामीनारायण संस्था :
इस दंडकारण्य भूमि में गाँव-गाँव में हनुमानजी की मूर्ति तो है परंतु मंदिर नहीं था । 4 गाँवों के बीच जामलापाड़ा गाँव में संत आशारामजी बापू के शिष्यों एवं 6 अन्य संस्थाओं तथा भक्तों ने मिलकर संस्कृति व धर्म की रक्षा के लिए मंदिर का निर्माण किया है यह बहुत ही वंदनीय है ।

बापूजी के शिष्यों, भक्तों में गुरु के प्रति अत्यंत दृढ़ श्रद्धाभाव है । यह प्रेरणादायी है क्योंकि यह जो विकट परिस्थिति है, झूठे आक्षेप करके बापूजी के ऊपर जो कार्यवाही चल रही है, इतना होने के बाद भी उनके भक्त डटे हैं और दूसरों के लिए वनवासी क्षेत्रों तक में सेवाप्रवृत्ति चला रहे हैं, यह वंदनीय है ।

श्री माधव गुरुजी, कथाकार :
हिन्दुओं को स्वधर्म के प्रति निष्ठावान बनाना, लोगों को श्रेष्ठतम मानव बनाना, जबरदस्त हो रहे धर्मांतरण को रोकना, गरीबों को शिक्षित करना, बेरोजगारों को रोजगार दिलाना, भूखे को पर्याप्त भोजन देना - यह संत आशारामजी बापू ने पूरे देश में मुहिम चलाकर रखी थी । बापूजी ने ऐसे मानव तैयार किये हैं जो तन-मन-धन से पूरे समाज की सेवा करें । इन महात्मा ने पहले से तय कर लिया था कि ‘जो पिछड़ा हुआ समाज है, जहाँ तक कोई पहुँचा नहीं है वहाँ मैं पहुँचूँगा ।’

प्रवीणभाई पटेल, बिलिया समिति (जि. पाटण, गुज.) :
बापूजी का शरीर जेल में है परंतु उनकी कृपा जेल में नहीं है, उनका ज्ञान जेल में नहीं है ।

शैलेषभाई पटेल, बिलिया समिति :
पूज्य बापूजी ने निर्देश दिया था कि ‘आदिवासी बंधुओं की सेवा करो !’ उस उद्देश्य से हम सेवा करते हैं और गुरुकृपा से बहुत अच्छी सेवा हो रही है ।